Taraweeh Ki Dua | तरावीह की दुआ

Taraweeh Ki Dua Keya Hai

रमजान मुबारक में taraweeh ki Namaz पढ़ी जाती है जो 20 rakat होती है जिसको 2 rakat करके पढ़ा जाता है जिसमे हर चार rakat में सलाम फेरने के baad दुआ पढ़ा जाता है उसे Taraweeh Ki Dua कहते है।

इस हिसाब से आपको इस दुआ को एक दिन में 5 मर्तबा पढ़ना होता है जो अपने अभी समझ लिया की हर चार रकत के बाद पढ़ी जाती है।

अब जानते है अलग अलग भाषा में tarawih ki dua जिसे असानी से याद हो जाए।

Taraweeh Ki Dua in Arabic

سُبْحَانَ ذِی الْمُلْکِ وَالْمَلَکُوْتِ ط سُبْحَانَ ذِی الْعِزَّةِ وَالْعَظَمَةِ وَالْهَيْبَةِ وَالْقُدْرَةِ وَالْکِبْرِيَآئِ وَالْجَبَرُوْتِ ط سُبْحَانَ الْمَلِکِ الْحَيِ الَّذِی لَا يَنَامُ وَلَا يَمُوْتُ سُبُّوحٌ قُدُّوْسٌ رَبُّنَا وَرَبُّ الْمَلَائِکَةِ وَالرُّوْحِ ط اَللّٰهُمَّ اَجِرْنَا مِنَ النَّارِ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْر۔

तरावीह की दुआ हिंदी में जाने

  • सुब्हा-नल मलिकिल क़ुद्दूस *
  • सुब्हा-न ज़िल मुल्कि वल म-ल कूत * 
  • सुब्हा-न ज़िल इज्जती वल अ-ज़-मति वल-हैबति वल क़ुदरति वल-किब्रियाइ वल-ज-ब-रुत * 
  • सुब्हा-नल  मलिकिल हैय्यिल्लज़ी ला यनामु व ला यमूत * 
  • सुब्बुहुन कुद्दूसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर्रूह * 
  • अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन्नारि * 
  • या मुजीरु या मुजीरु या मुजीर *

Taraweeh Ki Dua in Roman English

  • Subhanal Malikil Quddus।
  • Subhana jil Mulki wal Malakuti।
  • Subhana jil izzati wal ajhmati wal haybati wal Qudrati।
  • wal kibriyaa’i wal jabaroot।
  • Subhanal Malikil hayyil lajhi, la yunaamu wa layamutu।
  • Subbuhun, Quddusun, Rabbuna Rabbul malaa’ikati war-rooh।
  • Allahumma Ajirnee akhlusna Minan Naar।
  • Ya Mujeero, Ya Mujeero, Ya Mujeer।

Taraweeh Ki Dua मतलब और Translation क्या है

Tarabi ki Dua in Hindi, English, Arabic जानने के बाद आपको इस बात का पता होना चाहिए की इस दुआ का मतलब क्या है और इस दुआ के पीछे क्या कहा जा रहा है।

जितना जरुरी दुआ को पढ़ना होता है उतना ही जरुरी दुआ का मतलब भी जानना होता है, क्युकी अगर आपको दुआ का मतलब पता हो जाए तो ज्यादा से ज्यादा दुआ पढने का मामूर हो जायेंगे।

Taravi ki Dua in Hindi Translation

  • पाक है वो अल्लाह जो मुल्क और बादशाहत वाला है,
  • पाक है वो अल्लाह जो बड़ा नेक और इज़्ज़तो अजमत वाला है और कुदरत वाला है,
  • और बड़ाई वाला और पाक है वो अल्लाह जो बादशाह है जिन्दा रहने वाला न उसके लिए नींद और नाही मौत है,
  • वो बे इन्तेहा पाक और मुक़द्दस है हमारा परवरदिगार फरिस्तों और रूह का परवरदिगार है,
  • ए अल्लाह जहन्नम की आग से हमें बचाना ऐ बचाने वाले तू पुरे जहान का रहीमो करीम है।

तरावीह औसतन कितने समय तक चलती है?

तरावीह एक इस्लामी नमाज़ है जिसे ईशा की नमाज़ के बाद अदा की जाती है। तरावीह की नमाज़ में 20 रकअत होती हैं, और यह आमतौर पर लगभग 4:45 मिनट से लेकर दो घंटे तक चलती है।

यूं तो तरावीह की नमाज पूरे रमजान के महीने भर पढ़ा जाता है लेकिन शहरों में देखा गया है कि यह नमाज 3 दिन से लेकर 10 दिनों के बीच में खत्म हो जाता है।

तरावीह की दुआ कब पढ़ी जाती है?

तरावीह की दुआ रमजान में तरावीह की नमाज़ के 4 रकअत मुकम्मल हो जाने के सलाम फेरने पर पढ़ी जाती है।

तरावीह का मतलब क्या होता है?

तरावीह का मतलब “आराम करने और आराम करने के लिए” होता है।

क्या तरावीह की दुआ 2 रकअत के बाद भी पढ़ सकते हैं ?

नहीं, तरावीह की दुआ 2 रकात पर नहीं पढ़ सकते है ये मना किया गया है।

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