दरूद शरीफ इस्लाम की सबसे महत्वपूर्ण दुआओं में से एक है। यह पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर दरूद भेजने की एक विशेष प्रार्थना है। इस लेख में हम दरूद शरीफ के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसके फायदे समझेंगे और इसे हिंदी में पढ़ने का तरीका सीखेंगे।
दरूद शरीफ क्या है?
दरूद शरीफ अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है “आशीर्वाद” या “प्रार्थना”। इस्लामिक परंपरा में, दरूद शरीफ पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर भेजा जाने वाला विशेष आशीर्वाद है।
दरूद शरीफ के प्रकार:
- दरूद-ए-इब्राहीम
- दरूद-ए-शफा
- दरूद-ए-तंजीना
- दरूद-ए-नारिया
- दरूद-ए-फातिह
दरूद शरीफ पढ़ने के फायदे:
- अल्लाह की रहमत हासिल होती है
- गुनाहों की माफी मिलती है
- दुआएं कबूल होती हैं
- आखिरत में शफाअत मिलेगी
- मन को शांति मिलती है
दरूद-ए-इब्राहीम हिंदी में:
अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मदिन व अला आली मुहम्मदिन कमा सल्लैता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद।
अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिन व अला आली मुहम्मदिन कमा बारक्ता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद।
अर्थ: हे अल्लाह! मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) और उनके परिवार पर रहमत नाज़िल फरमा, जैसे तूने इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) और उनके परिवार पर रहमत नाज़िल फरमाई। बेशक तू तारीफ के लायक और बुज़ुर्गी वाला है।
हे अल्लाह! मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) और उनके परिवार पर बरकत नाज़िल फरमा, जैसे तूने इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) और उनके परिवार पर बरकत नाज़िल फरमाई। बेशक तू तारीफ के लायक और बुज़ुर्गी वाला है।
दरूद शरीफ पढ़ने का सही तरीका:
- वुज़ू करें
- किब्ला रुख करके बैठें
- दिल से नियत करें
- धीरे-धीरे और ध्यान से पढ़ें
- अर्थ को समझने की कोशिश करें
दरूद शरीफ एक बहुत ही महत्वपूर्ण इस्लामिक दुआ है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से हमें दुनिया और आखिरत दोनों में फायदा मिलता है। आशा है कि यह लेख आपको दरूद शरीफ के बारे में अधिक जानकारी देने में मददगार रहा होगा।