Safar Ki Dua Safar Ki Dua in Hindi – सफर की दुआ: हमारी वेबसाइट सफर की दुआ (safarkidua.in) पर आपका स्वागत है। इस वेबसाइट पर आपको इस्लामिक दुआएं, क़ुरआन के सूरा और अन्य कई उपयोगी जानकारी मिलेगी।
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Safar Ki Dua in Hindi – सफर की दुआ
Safar Ki Dua in Hindi: सफर पर जाने से पहले सफर की दुआ (Safar Ki Dua) सफर की दुआ अवश्य पढे | क्या आप भी सफर के लिए घर से निकलने वाले है यदि हाँ तो आपको भी सफर शुरू करने से पहले सफर की दुआ अवश्य पढ़नी चाहिए |
यह आप पर निर्भर करता है कि सफर दुआ (Safar Dua) कोनसी भाषा में पढ़ना चाहते है | आप सफर की दुआ हिन्दी में, इंग्लिश में, अरेबिक में एवं उर्दू में से किसी भी भाषा में पढ़ सकते है | बशर्ते आपको इनमें से कोई एक भाषाआनी चाहिए |
यदि आप सफर की दुआ हिन्दी में पढ़ना चाहते है तो आपको इस पोस्ट में सफर की दुआ हिन्दी में (Safar Ki Dua in Hindi), अँग्रेजी, उर्दू तथा अरेबिक में पढ़ने के लिए मिलने वाली है | साथ ही सफर की दुआ पढ़ने के फायदे भी अवश्य पढे ताकि सफर दुआ पढ़ने का राज जान सके |
इस्लाम में सफर का मतलब (Safar Meaning)
सफर को मनाने के लिए लोगों की अलग-अलग राय है लेकिन अधिकतर लोगों द्वारा 80 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने को वास्तविक सफर माना गया है | यह सफर ट्रेन, बस, कार, हेलिकॉप्टर, हवाई जहाज, पानी के जहाज आदि में से किसी भी माध्यम से किया जा सकता है |
सफर की दुआ
इस्लाम में कई सारी दुआएं व आयाते है लेकिन प्रत्येक दुआ या आयात को पढ़ने के लिए सही समय व सही तरीके से पढ़ना बहुत जरूरी होता है | इन्हीं दुआओं में से एक सफर की दुआ सफर शुरू करने से पहले, सफर के दौरान व सफर के बाद पढ़ी जाती है | आज हम सफर की दुआ के बारे में बात करने वाले है |
सफर दुआ यात्रा शुरू करने से पहले अवश्य पढ़नी चाहिए | यह दुआ कब और कैसे पढे, आदि के बारे में जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढे |
Safar ki Dua in Hindi
सफर की दुआ पढ़ने के पहले तीन बार अल्हम्दु-लिल्लाह और तीन बार अल्लाह-हु-अकबर कहना चाहिए | उसके बाद यह दुआ पढ़ें-
सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन |
वो पाक है जिसने इसको हमारे काबू में कर दिया और हम में ताकत न थी कि इसको काबू में कर लेते और हमको अपने रब की तरफ़ ही लौट कर जाना है |
सफर की दुआ तर्जुमा के साथ हिंदी में
हे अल्लाह हम तुझसे अपने इस सफर में नेकी और परहेजगारी और ऐसे अमल का सवाल का करते है जिससे तू राजी हो | ऐ अल्लाह तू हम पर हमारे इस सफर को आसान कर दे और उसकी मुसाफ़त को हमारे लिए तै कर दे | ऐ अल्लाह तुही सफर में मालिक और घरवालों का बादशाह है | ऐ अल्लाह हम तेरी पनाह मांगते है सफर की तकलीफ से और वापसी की बुराई से और एहलों माल व औलाद में बुरी बात देखने से |सफर की दुआ
जब किसी गाड़ी या ट्रेन या हवाई जहाज के पायदान पर कदम रखे तो बिस्मिल्लाह कहे फिर सीट पर बैठ जाए तो अल्हम्दुलिल्लाह कहें ।
सफर की दुआ उर्दू में
سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ
وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ-
सफर के दरमियान की दुआ
सफ़र पर रवाना हो जाने के बाद सफर के दरमियाँ यह सफर की दुआ जरूर पढे –
اللَّهُمَّ إِنَّا نَسْأَلُكَ فِي سَفَرِنَا هَذَا الْبِرَّ وَالتَّقْوَى وَمِنَ الْعَمَلِ مَا تَرْضَى اللَّهُمَّ هَوِّنْ عَلَيْنَا سَفَرَنَا هَذَا وَاطْوِ لَنَا بُعْدَهُ اللَّهُمَّ أَنْتَ الصَّاحِبُ فِي السَّفَرِ وَالْخَلِيفَةُ فِي الْأَهْلِ اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنْ وَعْثَاءِ السَّفَرِ وَكَآبَةِ الْمَنْظَرِ وَسُوءِ الْمُنْقَلَبِ فِي الْمَالِ وَالْأَهْلِ وَأَعُوذُ بِكَ مِنَ الْحُورِ بَعْدَ الْكُورِ وَدَعْوَةِ الْمَظْلُومِ
अल्लाहुम-म इन्ना नस् अलु-क फ़ी स-फ़-रिना हाज़ल बिर-र वत्तक़्वा व मिनल अ-म लि मा तर्ज़ा अल्लाहुम-म हव्विन अलैना स-फ़-र-ना हाजा़ वत्वि-ल-ना बुअ् द हू अल्लाहुम-म अन्तस्साहिबु फ़िस्स-फ़-रि वल ख़लीफ़तु फि़ल अहिल अल्लाहुम-म इन्नी अअूज़ुबि-क मिंव-वअ् साइस्स-फ़ रि व का ब ति ल मन्ज़रि व सूइल मुन्क़-ल-बि फ़िल मालि वल अहि्ल व अअूज़ुबि-क मिनल हौरि बअ दल कौरि व दअ वतिल मज़्लूम ।
हिन्दी में तर्जुमा-
ऐ अल्लाह । हम तुझ से इस सफ़र में नेकी तथा परहेज़गारी का सवाल करते हैं तथा हम उन आमाल का सवाल करते हैं जिनसे आप राजी हों। ऐ अल्लाह। हमारे इस सफ़र को हम पर आसान फ़रमा दे तथा इसका रास्ता जल्दी जल्दी तय करा । ऐ अल्लाह, तू स़फर में हमारा साथी है तथा हमारे पीछे घर बार का कारसाज़ है। ऐ अल्लाह, मैं तेरी पनाह चाहता हूं सफ़र की मशक्क़त तथा घर बार में बुरी वारसी से तथा बुरे हालात के देखने से तथा बनने के बाद बिगड़ने से तथा मज़्लूम की बद्-दुआ से।
मंज़िल पर पहुँचने ही स्टेशन पर यह सफर दुआ पढ़ें
أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّاتِ مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ
अअूज़ु बिकलिमातिल्लाहित्ताम्माति मिन शर्रि मा ख-लक०
तर्जुमा – अल्लाह के पूरे कलिमात के वास्ते से अल्लाह की बनना चाहता हूं उसकी मख़्लूक़ के शर से।
मोहल्ले में दाखिल होते ही यह सफर की दुआ पढ़नी चाहिए
اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِيهَا
अल्लाहुम-म बारिक लना फ़ीहा ०
तर्जुमा ऐ अल्लाह, तू हमें इस में बरकत दे।
सफर दुआ पढ़ने का तरीका
सफर की दुआ पढ़ने के पहले तीन बार अल्हम्दु लिल्लाह और तीन बार अल्लाह हु अकबर कहना चाहिए | फिर Safar Ki Dua पढ़कर सफर के लिए रवाना होना चाहिए |
सफर के लिए साधन कोई भी हो सकता है बस, कार, हवाई जहाज, स्कूटर, बाइक और ट्रेन आदि में से किसी भी साधन के द्वारा सफर किया जा सकता है |
वाहन में कदम रखते ही दुआ पढे तथा सफर के दरमियां अवश्य पढ़नी चाहिये |
Safar Ki Dua padhne ke Fayde
सफर की दुआ को पढ़ने के निम्नलिखित फायदे है –
- यात्रा के दौरान अनहोनी घटना से बचा जा सकता है |
- सफर में कोई घटना घटित होने की संभावना लगभग नहीं के बराबर हो जाती है |
- सफर आसानी से निकल जाता है |
- सफर काफी खुशनुमा रहता है |
- सफर चाहे कितना लंबा हो, कितना जल्दी पार हो गया, का पता ही नही चलता है |
- सफर की दुआ को सही तरीके से पढे ताकि सफर की दुआ पढ़ने
प्रश्न-01. सफर की दुआ कौन सी है?
उत्तर- जिस दुआ को पढ़ने से सफर आसानी से निकाल जाता है और अप्रिय घटना घटित होने की संभावना लगभग न के बराबर हो जाती है वही सफर की दुआ कहलाती है |
प्रश्न-02. क्या प्रत्येक यात्रा में सफर की पढ़नी चाहिए?
उत्तर- हाँ |
प्रश्न-03. सफर की दुआ पढ़ने से पहले क्या करे?
उत्तर- सफर की दुआ पढ़ने के पहले तीन बार अल्हम्दु-लिल्लाह और तीन बार अल्लाह-हु-अकबर कहना चाहिए |