Wazu Ki Dua: नमाज से पहले वजू करना बेहद जरुरी होता है ऐसे में जाने वजू करने से पहले की दुआ और वजू करने के बाद की दुआ।
जब कोई मुसलमान भाई या बहन नमाज पढने का इरादा करें तो नमाज से पहले गुस्ल करके पाक होना उसके बाद नमाज पढ़ने से पहले वजू करें फिर नमाज पढ़े। नमाज पढ़ने एंव वुजू बनाने का तरीका हिंदी में पहले ही बताया गया है।
वजू की दुआ
अगर आप नमाज के लिए वजू बनाने जा रहे है तो वजू की नियत करें उसके बाद “बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम” पढ़े वजू की दुआ में “बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम” पढ़ ले बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम का मतलब हिंदी में “अल्लाह के नाम शुरू करना” होता है।
वजू करने से पहले की दुआ।
पहले वजू की नियत करें फिर वजू करने से पहले की दुआ पढ़े।
‘بِسْمِ ٱللَّٰهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
BISMILLAHIRRAHMANIRRAHIM
वजू करने के बाद की दुआ | वजू की दुआ
जब वजू मुकम्मल हो जाएं तो वजू करने के बाद की दुआ पढ़े जो निम्नलिखित है”
मुकम्मल वजू के बाद की दुआ।
“अल्लाहुम्मज्जअल्नी मिनात्तौवाबिन वज्जअल्नी मिनल मुततहहिरींन”
दुआ पढने के बाद कलीमए शहादत भी पढ़े।
कलीमए शहादत “अश-हदु अल्लाह इल्लाहा इल्लल्लाहु वह-दहु ला शरी-क लहू व अशदुहु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु”
1 से 6 तक कलमा पहले ही बताया गया है।
वुजू के फराइज
वुजू या वजू की चार फराइज या फर्ज है जो निम्नवत है
(1) मुंह धोना पेशानी के बालो से ठुड्ढी के नीचे तक एक कान की लौ से दुसरे कान की लौ तक
(2) दोनों हाथो को कुहनियो समेत धोना
(3) चौथाई सर का मसह करना
(4) दोनों पांव टख्नो समेत धोना ………रद्दुल मुहतार १ सूरह १७
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