Surah Mulk: आजाबे कब्र से मेहफ़ूज़ रहता है सूरह अल मुल्क को पढ़ने वाला! Review & Benefits

Surah Mulk: हेलो दोस्तों सवागत है आप का हमरी वेब साइड safarkidua.in पर आज हम आप के लिए Surah Mulk से जुड़ी पूरी खबर लेकर आय है। निचे ऑर्टिकल में आप को पूरी जानकारी दी गई है। इस खूबसूरत और आनंददायक सूरह में 2 रुकू 337 शब्द और 1316 अक्षर हैं। इस सूरह के शीर्षक “अल-मुल्क” से यह स्पष्ट है कि यह अल्लाह की महानता और एकता को प्रदर्शित करता है। यह पवित्र कुरान का 67वां अध्याय है और इसे मक्का सूरह (मक्की सूरह) माना जाता है क्योंकि यह हमारे पवित्र पैगंबर मुहम्मद को मक्का (मक्का) में रहने के दौरान पता चला था।

Surah Mulk: का अर्थ

शब्द “अल मुल्क” का अर्थ है “राज्य।” यहाँ यह अल्लाह की महिमा शक्ति और श्रेष्ठता को दर्शाता है। इसका मतलब है कि अल्लाह किसी के साथ प्रबंधन और स्वामित्व साझा किए बिना पृथ्वी स्वर्ग और ब्रह्मांड का स्वामी है।

Surah Mulk: पाठ

सूरह अल मुल्क हमें अल्लाह की इच्छा के अनुसार जीवन बिताने का महत्व सिखाता है। क्योंकि यह इस दुनिया में सफलता का एकमात्र मार्ग है और परलोक यह हमें अल्लाह की महानता और कुछ भी करने की शक्ति की भी याद दिलाता है जो उसे प्रसन्न करता है। इसलिए हमें हमेशा अल्लाह की महानता के सामने अपना सिर और अहंकार झुकाना चाहिए

Final Thoughts

सूरह मुल्क एक मक्का सूरह है जिसमें 30 छंद, दो रुकू और 337 शब्द हैं। इस सूरह में अल्लाह हमें सिखाता है कि वह वही है जो इस ब्रह्मांड का मालिक है और जिसने सब कुछ बनाया है। मनुष्य की रचना का उद्देश्य उसकी आराधना करना है। अत हमें उनकी सभी आज्ञाओं का पालन करना चाहिए। जो लोग अल्लाह की महिमा को चुनौती देते हैं और उसकी एकता में विश्वास नहीं करते वे अज्ञानी हैं। अल्लाह उन्हें कभी माफ नहीं करेगा और उनका अंत जहन्नम में होगा। दूसरी ओर जो लोग अल्लाह पर विश्वास करते हैं और अपना जीवन बिताने के लिए उसके सुनहरे नियमों का पालन करते हैं वे न केवल इस दुनिया में बल्कि उसके बाद की दुनिया में भी सफल होते हैं।    

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